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हउमै दीरघ रोग है दारु भी इस माहि।
किरपा करे जो आपणी ता गुर का सब्दु कमाहि।।
भावार्थ-अहंकार एक भयानक रोग है जिसकी जड़ें बहुत गहरे तक फैल जाती हैं। इसका इलाज गुरु की कृपा से प्राप्त शब्द ज्ञान से ही संभव हो सकता है।
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