तब मारीच ह्रदय अनुमाना | नवाही बिरोधे नहीं कल्याना ||
सस्त्री मर्मी प्रभु सठ धनि | बैद बंदी कबी भानस गुनी ||२||
भावार्थ- तब मारीच ने ह्रदय में अनुमान किया की शस्त्री (शस्त्र धारी) , मर्मी (भेद जानने वाला), समर्थ स्वामी, मुर्ख, धनवान, वैद्य, भाट , कवि, और रसोइया - इन नो व्यक्तियों से विरोध करने से कल्याण (कुशल) नहीं होता |
Meaning - Then Marich thought to himself, "It is not good to make enemies of the following nine, viz one skilled in the use of weapon, he who knows one's secret, a powerful master, a dunce, a wealthy man, a physician, a panegyrist, a poet, an person who cooks for you.
4 टिप्पणियां:
राम चरित मानस को ब्लॉग पर लाने के कोटिश: धन्यवाद। बहुत सुंदर प्रयास है। मैंने आज इस ब्लॉग को पहली बार देखा है। मैं इस ब्लॉग की सफलता के लिये ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ। – डॉ. मोहनलाल गुप्ता, जोधपुर
Bahoot Bahoot dhanyabad sir
Saraahneey prayaas hai!
इस नए ब्लॉग के साथ आपका हिन्दी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. आपसे बहुत उम्मीद रहेगी हमें .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
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