############ ॐ ###############
फरीदा जे तु अकलि लतीफु ,काले लिखु न लेख||
आपनडे गिरीवान महि , सिरु नीवां करि देखु||
भावार्थ - है. फरीद ! यदि तु सुक्ष्म अक्लवाला-समझदार है तो अन्य लोगो के मंद कर्मो की जांच पडताल ना कर , अपने गिरेवान मे मुंह डालकर देख कि तेरे अपने कर्म कैसे है|
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फरीदा जे तु अकलि लतीफु ,काले लिखु न लेख||
आपनडे गिरीवान महि , सिरु नीवां करि देखु||
भावार्थ - है. फरीद ! यदि तु सुक्ष्म अक्लवाला-समझदार है तो अन्य लोगो के मंद कर्मो की जांच पडताल ना कर , अपने गिरेवान मे मुंह डालकर देख कि तेरे अपने कर्म कैसे है|
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