शुक्रवार, 30 मार्च 2018

शेख बाबा फरीद जी # 6

############ ॐ ############### 

फरीदा जे तु अकलि लतीफु ,काले लिखु न लेख||
आपनडे गिरीवान महि , सिरु नीवां करि देखु||

भावार्थ - है. फरीद ! यदि तु सुक्ष्म अक्लवाला-समझदार है तो अन्य लोगो के मंद कर्मो की जांच पडताल ना कर , अपने गिरेवान मे मुंह डालकर देख कि तेरे अपने कर्म कैसे है|


############ ॐ ###############

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