############ ॐ ###############
ईश्वर के संबंध मे हममे से जो जैसी धारणा रखता है, बस वही उसकी सीमा है, ऐसा हम कभी ना सोचे | हम इस बात को हरदम याद रखे कि जो हम अनुवभ कर रहे है, वह उसका रूप है सही , पर इस रूप को छोडकर उसके और कोई रूप नही है यह बात हम कभी न सोचे , हम कभी उसकी इति न करे |
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