############ ॐ ###############
फरीदा चिंत खटोला, वाणु दुखु , बिरहि विछावण लेफु|
एहु हमारा जीवणा, तु साहिब सचे वेखु||
भावार्थ - है फरीद ! प्रभु की याद भुलाकर चिंता हमारी छोटी सी चारपाई बनी हुई है, दुख उस चारपाई का बाण है तथा वियोग के कारण दुख ही विछोना तथा तुलाई है| है सच्चे स्वमी ! दुख ,तुझसे बिछुडकर ,यह है हमारा जीवन |
############ ॐ ###############
 
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें