सोमवार, 6 सितंबर 2010

शेख बाबा फरीद जी # 2

############ ॐ ###############

फरीदा चिंत खटोला, वाणु दुखु , बिरहि विछावण लेफु|
एहु हमारा जीवणा, तु साहिब सचे वेखु||


भावार्थ - है फरीद ! प्रभु की याद भुलाकर चिंता हमारी छोटी सी चारपाई बनी हुई है, दुख उस चारपाई का बाण है तथा वियोग के कारण दुख ही विछोना तथा तुलाई है| है सच्चे स्वमी ! दुख ,तुझसे बिछुडकर ,यह है हमारा जीवन |

############ ॐ ###############

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